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BASA | An Informal Visit | Republic Day Special | PANDAVAAS

BASA | An Informal Visit | Republic Day Special | PANDAVAAS बासा - पहाड़ में हो रही प्रयोगधर्मिता का एक उदाहरण। और पहाड़ पर हो रहे प्रयोगों के लिये उत्सुकता से भला पण्डौ अछूते कैसे रहें? अपनी इसी जिज्ञासा को शांत करने हम जा पहुंचे खिर्सू और जायजा लिया खिर्सू में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा चलाये जा रहे होमस्टे का। ढलती धूप के साथ बासा पहुंचना यूं लगा मानो घर पहुंच रहे हों। मिट्टी की लिपाई और ऐपण से सजी दीवारों को देख कर मन में बैठा बचपन बाहर आ ही जाता है और आपके कदम और तेजी से बढ़ने लगते हैं बासा की ओर। बासा में प्रवेश करते ही बांई ओर रसोई है जहाँ चूल्हे पर लकड़ियां जल रही हैं और कुछ लोग नीचे बैठ कर चाय का आनंद ले रहे हैं। आगे की ओर है बासा का आंगन जो फिलहाल खाली है। आंगन की दीवार पर बैठ कर बासा को एकटक देखने का मजा अलग है। इस प्रक्रिया में लकड़ी पर की गई नक्काशी मानो सीधे आपके दिल में छप जाती है।
बासा का निर्माण उत्तराखंड सरकार द्वारा किया गया है और इसकी देखरेख की जिम्मेदारी अभी स्थानीय स्वयं सहायता समूह ‘उन्नति’ के पास है। समूह की ये महिलाएं बड़े सामाजिक एवं मानसिक बदलाव की ओर अग्रसर हैं और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं।
अगर आप सामुदायिक पर्यटन का आनंद लेना चाहते हैं, गांव के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं तो एक बार बासा का रुख जरूर करें।

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